खरगोन दंगों के मास्टरमाइंड समीर उल्ला उर्फ भाईसाब को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उस पर दंगे भड़काने का आरोप है और वह घटना के बाद से ही फरार था। प्रशासन ने समीर उल्ला के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई भी की है। 182 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद समीर उल्ला उर्फ भाईसाब की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमें भी गठित की थी। कई ठिकानों पर दबिश भी दी गई। इसके बाद भी वह हर बार बच निकला। रविवार को पुलिस को सूचना मिली कि समीर खलटका और बालसमुंद के बीच में एक गांव में घूम रहा है। पुलिस ने घेराबंदी की और उसे गिरफ्तार कर लिया। उस पर 10,000 रुपये का इनाम घोषित किया था। 
 
खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान दो गुटों में संघर्ष हुआ था। आगजनी और पथराव की घटनाएं भी हुई थी। इसके बाद पूरे शहर में दंगे भड़क उठे थे। दोनों पक्षों से दर्जनों लोग घायल हुए। कई घरों को नुकसान पहुंचाया गया। यहां तक कि जिले के एसपी सिद्धार्थ चौधरी को भी गोली लगी थी। आरोप तो यह भी हैं कि समीर उल्ला पीएफआई का सक्रिय सदस्य रहा है और उसने दंगे भड़काने की साजिश रची थी। यह सब पूर्वनियोजित था और साजिश के तहत दंगे भड़काए गए। समीर उल्ला खरगोन की गुंडा लिस्ट में शामिल है। कलेक्टर ने एसपी के प्रतिवेदन के आधार पर समीर उल्ला हो क राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए समीर उल्ला को 3 माह के लिए केंद्रीय जेल इंदौर में रखने के आदेश जारी किए है