अजमेर दरगाह में नहीं है स्वस्तिक डिजाइन वाली जाली
राजस्थान के अजमेर की दरगाह शरीफ के हिंदू मंदिर होने के बाद से विवाद छिड़ गया है। दरगाह के मुस्लिम पदाधिकारियों ने इस दावे को निराधर बताया है। उन्होंने कहा, दरगाह का इतिहास 850 साल पुराना है, यहां ऐसा कोई धार्मिक स्थान नहीं था। देश में अराजकता फैलाने के लिए इस तरह के दावे किए जा रहे हैं।दिल्ली के रहने वाले राजवर्धन सिंह परमार महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। परमार ने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखकर अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह को पूर्व में हिंदू मंदिर होने का दावा कर पुरातत्व विभाग से सर्वे कराने की मांग की। सीएम को लिखे पत्र में परमार ने दरगाह के अंदर कई जगहों पर हिंदू धार्मिक चिन्ह स्वस्तिक के निशान होने का दावा भी किया। इसके बाद से यह विवाद शुरू हो गया है।