इन सरकारी बैंकों ने महंगा किया अपना लोन....
देश के बड़े सरकारी बैंक में से शामिल पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने लोन की दरों में इजाफा किया है, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा। दोनों बैंकों ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग (एमसीएलआर) दरों को बढ़ाया है।
किस बैंक ने कितना बढ़ाया
पीएनबी ने 10 बेसिस प्वाइंट और बैंक ऑफ इंडिया ने 5 बेसिस प्वाइंट के एमसीएलआर दरों में बढ़ोत्तरी की है। इस फैसले के बाद दोनों बैंकों कि फ्लोटिंग लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी होंगी, जिससे आपकी ईएमआई बढ़ जाएगी। ईएमआई बढ़ने का मतलब आपकी तय राशि बढ़ जाएगी।
पीएनबी ने अपने सभी टेन्योर पर लेंडिंग रेट की एमसीएलआर में 10 बेसिस प्वाइंट (बीपीएस) की वृद्धि की है। ये दरें 1 जून 2023 से प्रभावी हो चुकी हैं। पीएनबी की वेबसाइट के मुताबिक लेनदार की ओवरनाइट बेंचमार्क एमसीएलआर को 8 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.10 प्रतिशत कर दिया गया है।
वहीं एक महीने के लिए दरों को बढ़ाकर 8.20 प्रतिशत, तीन महीने के लिए 8.30 प्रतिशत और छह महीने के लिए 8.50 प्रतिशत कर दिया गया है। वहीं तीन साल के एमसीएलआर को बढ़ाकर 8.90 फीसदी कर दिया गया है। इसके अलावा पीएनबी ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) को भी 8.75 फीसदी से बढ़ाकर 9.00 फीसदी कर दिया है।
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया की भी बढ़ी हुई दर 1 जून 2023 से लागू हो चुकी है। बैंक के वेबसाइट के मुताबिक, ओवरनाइट एमसीएलआर को बढ़ाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया गया है।
वहीं एक महीने की एमसीएलआर बढ़कर 8.15 प्रतिशत हो गया है और तीन महीने की एमसीएलआर 8.25 प्रतिशत हो गया है। एक साल की एमसीएलआर बढ़कर 8.65 प्रतिशत हो गया है और छह महीने की एमसीएलआर बढ़कर 8.45 फीसदी हो गई है।
क्या होता है MCLR रेट
MCLR का मतलब मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट है। एक बैंक अपने धन की लागत, परिचालन लागत और लाभ मार्जिन जैसे कारकों पर विचार करके अपनी न्यूनतम ब्याज दर निर्धारित करता है। बैंक होम लोन सहित विभिन्न लोन पर ब्याज दर की गणना के लिए MCLR का उपयोग करता है।