तीन संभागों में गरज-चमक के साथ पड सकती है बौछारें
इनमें ग्वालियर, रीवा, उज्जैन संभाग शामिल
भोपाल । वातावरण में नमी रहने के कारण शुक्रवार को भी ग्वालियर, चंबल व उज्जैन संभाग के अलावा रायसेन, बैतूल, विदिशा, छिंदवाड़ा, पन्ना, सागर, नीमच, मंदसौर, टीकमगढ़, निवाड़ी एवं छतरपुर जिलों में गरज-चमक के साथ कहीं-कहीं वर्षा हो सकती है। रात और दिन के तापमान में विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के सभी संभागों में न्यूनतम तापमान में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। न्यूनतम तापमान सागर संभाग के जिलों में सामान्य से अधिक, भोपाल संभाग के जिलों में सामान्य से कम रहे। शेष संभागों में न्यूनतम तापमान सामान्य रहा।गुरुवार को प्रदेश में सबसे अधिक 35.5 डिग्री सेल्सियस तापमान खंडवा में दर्ज किया गया। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश पर 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक चक्रवात बना हुआ है। पूर्वी राजस्थान पर एक प्रेरित चक्रवात भी मौजूद है।इन दो मौसम प्रणालियों के असर से वातावरण में नमी आ रही है। इस वजह से कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है। वर्तमान में हवा का रुख उत्तर-पश्चिमी बना हुआ है। इस वजह से दिन और रात के तापमान में भी विशेष परिवर्तन नहीं हो रहा है। शुक्ला के मुताबिक अभी दो-तीन दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहेगा। उसके बाद एक बार फिर मध्य प्रदेश में गरज-चमक के साथ वर्षा होने का सिलसिला शुरू हो सकता है।मौसम विभाग के अनुसार, अलग-अलग स्थानों पर बनी दो मौसम प्रणालियों के असर से वातावरण में नमी मौजूद है। इस वजह से प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ वर्षा हो रही है। इसी क्रम में गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सतना में सात मिलीमीटर वर्षा हुई।