भोपाल मैनिट परिसर में बाघ ने चौथी बार किया गाय पर हमला
भोपाल । मैनिट परिसर के अंदर मौजूद बाघ टी-1234 ने शनिवार-रविवार की रात को चौथी बार एक गाय पर हमला किया है। पूर्व में वह एक बछड़ा व दो गाय पर हमला कर चुका है, जिसमें से एक की मौत हो चुकी थी। इस बार गाय के पिछले हिस्से में पंजे के निशान आए है, वह स्वस्थ्य है। डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि हमला बाघ द्वारा किया जाना प्रतीत हो रहा है लेकिन गाय को मामूली चोट आई है इसलिए पूरी तरह भरोसा नहीं कर सकते। आमतौर पर बाघ हमला करते हैं तो जख्मी करके ही छोड़ते हैं। ज्यादातर मामलों में मवेशियों की मौत हो जाती है। परिसर के अंदर एक सप्ताह से बाघ की मौजूदगी है। वन विभाग बाघ के स्वत: बाहर निकलने का इंतजार कर रहा है।
पहली बार कोई बार सात दिन से एक ही इलाके में मौजूद
मैनिट परिसर के अंदर तालाब के किनारे सात दिन से युवा बाघ टी-1234 की मौजूदगी है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब कोई बाघ एक ही नए ठिकाने पर सात भ्रमण कर रहा है। रविवार सुबह भी इसी ठिकाने पर उसके पगमार्क मिले हैं। इस बाघ ने बीते इतने दिनों में मवेशियों के अलावा किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाया है। यह इलाका मैनिट के मुख्य भवन, हास्टल से करीब एक किलोमीटर दूर है। बाघ की मौजूदगी की पहली सूचना सोमवार रात को मिली थी। शनिवार को बाघ की पहचान हुई थी।
खुशीलाल अस्पताल की ओर से दाखिल हुआ है बाघ
यह तालाब खुशीलाल अस्पताल से सटा है और मैनिट की बाउंड्रीवाल के अंदर है। इसी क्षेत्र में बाउंड्रीवाल टूटी है, जहां से यह दाखिल हुआ है। यह सोमवार रात को दिखाई दिया था। बाघ पूर्व में दो मवेशी को जख्मी कर चुका है, एक का शिकार भी कर चुका है।
बार-बार बदलनी पड़ रही पिंजरे की लोकेशन
भोपाल सामान्य वन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरे का स्थान बदल दिया है। रविवार शाम को भी पिंजरे की लोकेशन बदली जाएगी।
ट्रैप कमरे की संख्या बढ़ाएंगे
बाघ इसकी सुरक्षा के लिए अलग-अलग स्थानों पर 10 ट्रैप कैमरे लगाए हैं। मैनिट प्रबंधन के सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।
50 वनकर्मी तैनात किए
इसकी सुरक्षा के लिए चार टीमें बनाई है। इनमें से दो दिन में व दो रात में गश्त कर रही है। इनमें 50 वनकर्मी शामिल है।
हांका लगाकर खदेड़ने की कोशिश
बाघ को खदेड़ने के लिए हांका लगाया जा रहा है। इस प्रक्रिया में जहां बाघ मौजूद होता है, उसके तीन दिशाओं में वनकर्मी होते हैं, जो आवाजें निकालते हैं, ताकि बाघ खुली हुई चौथी दिशा से बाहर निकल जाए। आमतौर पर इसके लिए हाथी की मदद ली जाती है लेकिन वन विभाग के पास भोपाल में हाथी नहीं है।
मवेशियों को किया जा रहा बाहर
मैनिट के अंदर बड़ी संख्या में मवेशी है, जिसे वन विभाग के अधिकारियों ने परिसर से बाहर करने की सलाह दी है। जिसके बाद मैनिट प्रबंधन ने निगम को लिखा है कि मवेशियों को बाहर किया जाए।
कल से छात्रों का भय दूर करेंगे अधिकारी
बाघ की मौजूदगी को लेकर मैनिट के छात्रों में कई तरह की चर्चा है। कुछ छात्र डरे-सहमे हैं। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सोमवार से शिविर लगाकर छात्रों के भय को दूर करेंगे। उन्हें बाघ से सतर्क रहने के तरीके बताएंगे।
कक्षाएं बंद नहीं कराएंगे
भोपाल सामान्य वन मंडल ने मैनिट प्रबंधन से कह दिया है कि बाघ की मौजूदगी दूर है, इसलिए भयभीत होने की जरुरत नहीं है। कक्षाएं चालू रहने दी जाए। बस सतर्कता बरते और तालाब वाले हिस्से में किसी को न जाने दें। मैनिट में भ्रमण कर रहे बाघ कि पहचान टी-1234 के रूप में हुई थी। रविवार सुबह भी उसके पगमार्क मिले थे। शाम को उसके द्वारा हमले की जानकारी भी मिली है। इंतजार कर रहे हैं कि वह स्वत: बाहर निकल जाए। निगरानी कड़ी कर दी है। यदि नहीं निकलता है तो आगे की योजना तय की जाएगी।
- आलोक पाठक, डीएफओ, भोपाल सामान्य वन मंडल