कल होगी फिनलैंड और स्वीडन के नेताओं की राष्ट्रपति बाइडन से मुलाकात
फिनलैंड और स्वीडन ने दुनिया के सबसे बड़े मिलिट्री एलाइंस NATO की सदस्यता हासिल करने के लिए औपचारिक रूप से आवेदन दे दिया है। ये आवेदन दोनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा लिखे गए एक पत्र की शक्ल में है। इस पर अब नार्थ एटलांटिक काउंसिल में चर्चा होगी। दोनों देशों को इसकी सदस्यता हासिल करने में एक वर्ष तक का समय लग सकता है। इस बीच फिनलैंड और स्वीडन के नेताओं की अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से व्हाइट हाउस में मुलाकात होनी है। ये मुलाकात अपने आप में बेहद खास है। इस मुलाकात में जहां पर रूस के रवैये पर चर्चा हो सकती है वहीं कई दूसरे बड़े मसलों पर भी विचार विमर्श किया जा सकता है। खास बात ये है कि इन दोनों नेताओं को खुद राष्ट्रपति बाइडन ने ही चर्चा के लिए आमंत्रित किया है। दोनों ही देशों ने अपनी-अपनी पार्लियामेंट में नाटो में शामिल होने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद ही आवेदन दाखिल किया है। फिनलैंड और स्वीडन की अमेरिकी राष्ट्रपति से होने वाली मुलाकात पर रूस की भी नजर जरूर रहेगी। इस मुलाकात में तुर्की के रवैये पर भी चर्चा होने की संभावना है। बता दें कि तुर्की ने इन दोनों देशों को इस संगठन का सदस्य बनाने का विरोध किया है। तुर्की का कहना है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ इन दोनों देशों का रवैया संतोषजनक नहीं रहा है।