अंबिकापुर में कांग्रेस का परंपरागत वोट.....
रायपुर। स्वच्छता के मामले में राष्ट्रीय ख्याति अर्जित करने वाले अंबिकापुर शहर के साथ अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र भी राजनीतिक गलियारों में हमेशा चर्चा का केंद्र रहा है। यहां के कद्दावर कांग्रेस नेता व छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव विधायक हैं। उनके कद का कोई दूसरा नेता संभाग में नहीं है, इसका फायदा भी उन्हें हमेशा से मिलता रहा है। भाजपा भी कमजोर हुई तो इसका प्रमुख कारण इनका बड़ा राजनीतिक कद ही है। टीएस सिंहदेव सरगुजा राजपरिवार के मुखिया है। इन्हें हर आम व खास लोग "टीएस बाबा" ही कहते हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद 2003 के चुनाव में अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित था। उस समय भाजपा को कांग्रेस विरोधी जोगी विरोधी लहर का फायदा मिला था। तब 37 हजार 222 मतों से कमलभान सिंह ने 27 साल लगातार विधायक रहे मदन गोपाल सिंह को पराजित किया। रमन सरकार के दौरान विधायक बने कमलभान ने पांच वर्ष अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में विकास काम भी कराया पर परिसीमन के बाद जब यह सीट सामान्य हुई तो टीएस सिंहदेव को कांग्रेस ने मैदान में उतारा। 2008 का यह चुनाव काफी चर्चित रहा। भाजपा ने युवा नेता अनुराग सिंहदेव ने कद्दावर नेता टीएस सिंहदेव को मुश्किलों में डाल दिया था।
टीएस सिंहदेव का जो लोग विरोध करते थे, सारे लोगों एक मंच पर आ गए और सबने मिलकर ऐसा अभियान चलाया कि भाजपा से कड़ी टक्कर मिली और बमुश्किल 980 मतों से उन्हें जीत हासिल हुई। लेकिन यह कम अंतर की जीत ने टीएस सिंहदेव की आंखें खोल दी। उन्होंने विधायक बनने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा और अंबिकापुर शहर सहित विधानसभा क्षेत्र के लखनपुर, उदयपुर क्षेत्र में छोटी-छोटी चौपाल लगाकर लोगों के सुख-दुख में शामिल होकर सबको अपना बना लिया। ग्रामीण क्षेत्र में भाजपा की कमजोरी का फायदा कांग्रेस ने हमेशा उठाया। विधानसभा ही नहीं जिला पंचायत, जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत, नगरीय निकाय, नगर निगम अंबिकापुर सभी चुनाव में कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशी बड़े अंतर से जीतने लगे। अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र जहां गोंड़, कंवर, उरांव जनजाति के लोग बहुतायत हैं, उनका झुकाव शुरू से कांग्रेस की ओर रहा है।
जनघोषणा पत्र समिति की कमान संभालने के बाद प्रदेश में बनी पहचान
2018 में जब भाजपा सरकार के खिलाफ वातावरण बनने लगा तो जन घोषणा पत्र के मुखिया बनाए गए तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव की प्रदेश स्तर पर स्वीकार्यता बढ़ी। सरगुजा जिला ही नहीं पूरे संभाग के लोगों ने टीएस सिंहदेव को भावी मुख्यमंत्री मान लिया था। इस कारण खुलकर उनके और कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। संभाग की 14 में से 14 सीट पर कांग्रेस को जीत मिली।
उम्मीद के अनुरूप विकास के कार्य नहीं, फिर भी सिंहदेव मजबूत
कांग्रेस सरकार बनने के बाद अंबिकापुर के लोगों को बड़े बदलाव की उम्मीद थी। स्थानीय लोगों की मानें तो उम्मीद के अनुरूप विकास कार्य नहीं हुआ हैं। इसके बावजूद टीएस सिंहदेव मजबूत हैं। अंबिकापुर में मेडिकल कालेज की नींव भाजपा ने रखी थी और इसे अंजाम तक स्वास्थ्य मंत्री रहते टीएस सिंहदेव ने पूरा किया है। इसका लोकार्पण भी होने वाला है, जो सरगुजा ही नहीं पूरे संभाग के लिए एक बड़ी सौगात है। ग्रामीण क्षेत्र में भी छोटे-छोटे अस्पतालों को बेहतर बनाने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के कारण टीएस सिंहदेव चर्चा में हैं।
भाजपा में लीडरशिप की कमी
वर्ष 2008 से यहां लगातार कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीतते आ रहा है। इसके पीछे कारण यही है कि भाजपा में स्थानीय नेतृत्व की कमी है। भाजपा ने 15 साल की सत्ता में काफी विकास कार्य कराया पर उसे भुना नहीं पाई। भाजपा के कार्यकर्ताओं का यह भी मानना है कि अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में लगातार तीन बार अनुराग सिंहदेव को महत्व देना भी भाजपा के लिए महंगा पड़ा। गुटबाजी इतनी बढ़ी कि भाजपा के कार्यकर्ता तो टूटे ही, नेताओं में भी आपस में दूरी बढ़ गई है।
राजनीतिक लड़ाई में आई है काम में थोड़ी बाधा
अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र के निवासी संदीप कुमार सिन्हा, अवधेश केशरी, रामू सोनी का कहना है कि प्रदेश में जिस धमाकेदार तरीके से कांग्रेस सत्ता में आई थी, उससे लग रहा था कि सरगुजा का खूब विकास होगा। खासकर अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में काफी उम्मीदें थीं, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की राजनीतिक लड़ाई का नुकसान यहां के नागरिकों को उठाना पड़ रहा है। सड़कें बनीं हैं, पुल पुलिया बना है। रोजगार मूलक कोई बड़े संस्थान विकसित नहीं हो पाए, इसका दुख है।
15 साल से हैं विधायक, उपलब्धि कुछ नहीं-अनुराग सिंहदेव
अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार भाजपा प्रत्याशी रहे अनुराग सिंहदेव ने कहा कि 15 साल से टीएस सिंहदेव विधायक हैं पर उनकी कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है। कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री व पंचायत मंत्री का दायित्व इन्हें मिला पर दोनों विभाग में विकास कार्य नहीं करा सके। स्वास्थ्य मंत्री बने तो यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम का अध्ययन करने थाईलैंड गए और अब तक उसे लागू नहीं करा सके। मेडिकल कालेज भी भाजपा सरकार की देन है। जन घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष थे। जो घोषणाएं हुईं थी, पूरी नहीं हुई। पंचायत सचिव नियमित नहीं हुए। कई विभागों के अनियमित कर्मचारी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं। अनुराग सिंहदेव ने स्वीकार किया कि मतदाताओं का कांग्रेस के प्रति झुकाव ही यहां भाजपा की लगातार हार का कारण है। भाजपा के भीतर जो एकजुटता होनी थी, उसका भी अभाव रहा है। संसाधनों में भी हम कमजोर रहे।
मुझे काम गिनाने की आदत नहीं: टीएस सिंहदेव
अंबिकापुर विधायक व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मुझे काम गिनाने की आदत नहीं है। विपक्ष को यदि काम गिनने की आदत है तो विपक्ष काम गिन ले। मेरे काम का आकलन मेरे क्षेत्र की जनता करती है। मैं जब पहली बार विधायक बना तो जिस दूरस्थ बकोई गांव में गया था, वहां जाने के लिए कोई सड़क नहीं थी। आजादी के बाद कोई जनप्रतिनिधि उस गांव में नहीं गया था। आज वहां पक्की सड़क बन चुकी है। कई गांव में प्राथमिक और मिडिल स्कूल नहीं थे। कहने को तो यह एक छोटी बात है, पर उस गांव की इस बड़ी मांग को पूरी करने का जो सुकून मुझे मिला वह कभी बड़े काम से नहीं मिलेगा। पीएमजीएसवाइ की सड़कें, लखनपुर में कालेज, आइटीआइ, सड़क, पुल,पुलिया, सिंचाई परियोजनाओं का काम, अंबिकापुर में कचरा प्रबंधन माडल जिसका काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय है। वन अधिकार पत्र जो सिर्फ अनुसूचित जनजाति वर्ग को मिलता था, मेरी पहल पर ओबीसी व सामान्य वर्ग को मिलना शुरू हुआ। सामुदायिक वन अधिकार की पहल मैंने की।
कालेज की स्थापना के साथ डॉक्टरों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में हुई। अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण से इलाज की बेहतर सुविधा मिल रही है। मेडिकल कालेज में केंद्रीयकृत लैब की स्थापना से जांच की बड़ी सुविधा मिलने लगी। संभागीय जीएसटी भवन अंबिकापुर में स्थापित हुआ। मेरे विधानसभा क्षेत्र में बिजली के कई सब स्टेशन स्थापित हुए। ग्रामीण क्षेत्र में विद्युत का विस्तार हुआ। 702 नई पंचायत प्रदेश में बनी। ग्रामीणों की मांग पर पंचायत भवन का निर्माण हुआ। विधानसभा क्षेत्र की सबसे बड़ी घुनघुट्टा परियोजना के अंतिम छोर तक पानी लाने करोड़ों रुपये के निर्माण का काम हुआ। अंतिम छोर तक किसानों के लिए पानी पहुंचा। नल जल योजना का काम तेजी से चल रहा है। पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में हाई मास्ट लाइट लगाया गया जिससे गांव में एक नया काम दिखा। अंबिकापुर गांधी स्टेडियम का उन्नयन हो रहा है। इंडोर स्टेडियम का निर्माण हो गया है। किसी भी जनप्रतिनिधि का काम ईमानदारी से लोगों की सेवा करने का है न कि काम गिनाने का।