भोपाल में यातायात नियमों का होता है सबसे अधिक पालन
भोपाल । आपकी नजर में राजधानी में भले ही लोग यातायात नियमों का पालन करते नहीं दिखेंगे, लेकिन परिवहन विभाग के अनुसार भोपाल में यातायात नियमों का सबसे अधिक पालन होता है। जबकि वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करने में ग्वालियर वाले प्रदेश में अव्वल हैं। जबकि तय गति सीमा से तेज वाहन दौड़ाने में इंदौर वाले आगे हैं। यह खुलासा 1 अप्रैल से 30 जून के बीच प्रदेश के 51 जिलों में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई पर तैयार की गई परिवहन विभाग की रिपोर्ट से हुआ है। ग्वालियर में मोबाइल पर बात करते हुए दोपहिया और चार पहिया वाहन चलाने वाले 174 लोगों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। जबकि ओवर स्पीड के मामले में सबसे ज्यादा 1385 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस इंदौर में निलंबित किए गए हैं। वहीं छिंदवाड़ा व रीवा में दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाने के आदी नहीं है। रीवा जिले में बिना हेलमेट के दो पहिया वाहन चलाने पर 78500 व छिंदवाड़ा में 23500 लोगों के चालान ट्रैफिक पुलिस ने बनाए हैं। ट्रैफिक पुलिस की अनुशंसा पर पूरे प्रदेश में 2054 दो पहिया व 1083 चार पहिया वाहन चालक यानि कि कुल 3137 चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस 3 माह के लिए निलंबित कर दिए गए हैं।
तीन माह के दौरान ट्रैफिक पुलिस द्वारा जो कार्रवाई की गई उसमें भोपाल में एक भी वाहन चालक का ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित नहीं हुआ। जबकि इंदौर के सबसे ज्यादा 1435, ग्वालियर के 545 और जबलपुर में 53 दो व चार पहिया वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किए गए हैं। भोपाल में शराब पीकर, मोबाइल पर बात करते हुए व रेड सिग्नल क्रॉस करते हुए एक भी वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। वहीं बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने पर सबसे ज्यादा चालान रीवा में हुए। रीवा में 6911, सतना में 1683 चालकों के चालान बनाए गए। ग्वालियर में 175, जबलपुर में 302 चालकों के चालान सीट बेल्ट नहीं लगाने किए गए।
लाइसेंस निलंबित करने की कार्रवाई 5 कारणों से हुई है। पहला ओवर स्पीड, दूसरा मालवाहन में यात्रियों को बैठाना, तीसरा शराब के नशे में वाहन चलाना, चौथा वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना व रेड सिग्नल क्रॉस करना।
ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर 3 माह के दौरान पूरे प्रदेश में 3137 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस ट्रैफिक पुलिस की अनुशंसा पर निलंबित किए गए हैं। अरविंद सक्सेना, अपर परिवहन आयुक्त, प्रवर्तन