पर्वतों की ऊंचाइयों को छूएंगी मध्यप्रदेश की जनजातीय बालिकाएं
भोपाल । मध्यप्रदेश की 5 जनजातीय छात्राएं पर्वतों की ऊंचाइयों को छूने का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। ये छात्राएं मनाली स्थित भारत सरकार के अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान (अबविमास) में पर्वतारोहण के गुर सीख रही हैं। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) की ये छात्राएं ईएमआरएस की राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुकी हैं। उनकी इस उपलब्धि के आधार पर इनका चयन इस 26 दिवसीय स्पेशल माउंटेनियरिंग बेसिक कोर्स के लिए हुआ है। भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (नेस्ट) की ओर से आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में ये बालिकाएं 7 जून तक पर्वतारोहण से जुड़ी बारीकियां सीखेंगी। इस दौरान उन्हें पर्वतारोहण से जुड़ी कई तकनीकों, रिवर-क्रॉसिंग, बर्फ या चट्टानों के प्रकार, पर्वतों की जलवायु तथा उपकरणों की जानकारी व उपयोग और मौसम का पूर्वानुमान आदि के बारे में जानने का मौका मिलेगा। साथ ही उन्हें साहसिक खेलों से जुड़ी कई गतिविधियां भी करवाई जाएंगी। प्रशिक्षण के बाद उन्हें वहां पर्वतारोहण करने का अवसर भी दिया जाएगा। प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य डॉ. ई. रमेश कुमार ने इन छात्राओं को इस उपलब्धि पर बधाई दी। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं में ज्योतिराज चौहान, नंदिनी रावत, गोलू भिड़े, रविना मुजाल्दा और महिमा अखाड़े शामिल हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं को पर्वतारोहण व साहसिक खेलों का अनुभव करवाना और इसके प्रति रुझान बढ़ाना है। मध्यप्रदेश के अलावा आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, तमिलनाडु, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मणिपुर, तेलंगाना और ओडिशा सहित 11 राज्यों के जनजातीय विद्यार्थी भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं। इससे विद्यार्थियों को विभिन्न राज्यों के विद्यार्थियों से मिलने और उनकी कला-संस्कृति और बोलचाल को समझने का अवसर भी मिल रहा है।