इंस्टैंट लोन एप के जरिए करोड़ों की ठगी और ब्लैकमेलिंग करने वाले दो गिरफ्तार....
झालावाड़ जिले में सोशल मीडिया और अन्य एप्स पर तत्काल ऋण का झांसा देकर ग्राहकों को फंसाने के बाद छोटी रकम के ऋण उपलब्ध कराकर यूजर्स से केवाईसी के नाम पर प्राप्त पर्सनल डेटा में फोटोज को मॉर्फ्ड कर न्यूड कंटेट बना यूजर्स के संपर्क वाले लोगों को भेजकर बदनाम करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करने वाले अपराध का खुलासा करते हुए गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
एसपी ने बताया, 11 मई को झालरापाटन निवासी एक युवती द्वारा साइबर थाना झालावाड़ पर शिकायत दर्ज कराई गई कि उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और इंस्टाग्राम पर इंस्टैंट लोन के एप्स और उनके लुभावने ऑफर देखे। झांसे में आकर उसने एप क्रेडिट तथा स्मार्ट वॉलेट नाम के एप डाउनलोड कर दोनों एप्स से एक सप्ताह के लिए 8000 रुपये का लोन ले लिया।
लोन अकाउंट फार्म भरने के साथ केवाईसी के नाम पर पर्सनल डेटा भी लिया गया। लोन की नियत अवधि से पहले ही उस पर लोन राशि चुकाने का दबाव बनाया जाने लगा और धमकी दी जाने लगी तो पीड़िता ने लोन चुका दिया। इसके बाद केवाईसी में दी गई फोटो को मॉर्फ्ड कर उसे रिश्तेदारों को भेजने की धमकी देकर दो सप्ताह में ही उससे दर्जनों ट्रांजेक्शन के द्वारा करीब सवा तीन लाख रुपये वूसल कर लिए।
एसपी ने बताया कि मामले को गंभीरता से लेकर उन्होंने स्वयं के निर्देशन व एएसपी चिरंजीलाल मीना के सुपरविजन में साइबर थाना प्रभारी चंद्रज्योति शर्मा के नेतृत्व में साइबर थाना, साइबर सेल और झालरापाटन थाने की संयुक्त टीम द्वारा अनुसंधान कर डेटा संकलन किया गया।
तकनीकी अनुसंधान से पाया गया कि किसी गिरोह में शामिल लोगों द्वारा एक चेन के रूप में काम करते हुए यह ऑनलाइन ठगी और ब्लैकमेलिंग का काम किया जा रहा है, जिसमें यूजर्स के पास लोन मनी ट्रांसफर करने व वसूली राशि कलेक्शन के लिए अलग-अलग बैंक खातों को उपयोग में लिया जाता है। गिरोह द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इंस्टैंट लोन के लुभावने ऑफर देकर ग्राहकों को फंसाया जाता है। उसके बाद यूजर्स द्वारा एप डाउनलोड करते वक्त दी गई परमिशन के द्वारा उनके पर्सनल डेटा को हैक कर उनके फोटो/तस्वीरों को अश्लील रूप देकर वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग से मोटी रकम वसूल की जाती है।
गिरोह के लोग एक श्रृंखला के रूप में काम करते हैं, जिसमें किसी व्यक्ति का चालू खाता खुलवाकर उस खाते को अपराध के रूप में उपयोग में लिया जाता है। इसी श्रृंखला की कड़ी में पीड़िता को राशि ट्रांसफर किये जाने के बैंक खाते की जानकारी एकत्र कर खाता धारक विक्रम जीनगर निवासी उदयपुर व अपराध में उसके साथी रजत सुहालका निवासी उदयपुर को गिरफ्तार किया जाकर अनुसंधान जारी है।
अनुसंधान से पाया गया कि आरोपी विक्रम जीनगर मुख्य खाता धारक है, जिसके खाते में करोडों रुपयों का संदिग्ध लेन-देन पाया गया है। विक्रम जीनगर से पूछताछ करने पर उसने करेंट एकाउंट खुलवाकर 25 हजार रुपये में रजत सुहालका को बेच देना पाया गया। इस पर रजत सुहालका से अनुसंधान किया तो उसने खाते को 50 हजार रुपये में आगे बेच दिया और इस तरह श्रृंखलाबद्ध गिरोह जुड़कर अपराध को अंजाम दिया गया।