भोपाल में फिर बने दो ग्रीन कॉरिडोर
4 मिनट में सिद्धांता रेडक्रास से लिवर बंसल हॉस्पिटल पहुंचा, किडनी चिरायु मेडिकल कॉलेज ले जाई गई
भोपाल । भोपाल में फिर दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। सिद्धांता रेडक्रास हॉस्पिटल में भर्ती ब्रेन डेड पेशेंट का लिवर बंसल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को और एक किडनी चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट के लिए ले जाई गई। इसके लिए भोपाल में सिद्धांता रेडक्रास हॉस्पिटल से बंसल हॉस्पिटल और चिरायु हॉस्पिटल के लिए दो अलग-अलग ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। डॉक्टर्स की पहली टीम चार मिनट में बंसल अस्पताल पहुंच गई।
एडिशनल डीसीपी ट्रैफिक बंसत कौल ने बताया, सिद्धांता से बंसल हॉस्पिटल तक करीब साढ़े 3 किलामीटर तक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। दोनों ओर ट्रैफिक डायवर्ट किया। ताकि, समय पर ऑर्गन हॉस्पिटल पहुंचाए जा सके। बसल हॉस्पिटल से डॉक्टर्स की पहली टीम दोपहर करीब ढाई बजे लिवर लेकर सिद्धांता हॉस्पिटल से रवाना हुई। इसके पांच मिनट बाद दूसरी टीम एक किडनी लेकर चिरायु मेडिकल कॉलेज के लिए निकली। दूसरी किडनी का ट्रांसप्लांट सिद्धांता हॉस्पिटल में ही एक मरीज को किया जाना है। करीब 10 मिनट के बाद महेश नामदेव की पार्थिव देह उनके परिजनों को सौंप दी गई। परिजन शव लेकर सागर के लिए रवाना हो गए।
हार्ट अटैक से ठीक हुए ब्रेन हेम्ब्रेज से ब्रेन डेड हुए महेश
सिद्धांता रेडक्रास हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. सुबोध वार्षेण्य ने बताया कि सागर के रहने वाले 53 वर्षीय महेश नामदेव हार्ट अटैक से ठीक हो गए थे। भोपाल ब्रेन हेम्ब्रेज के ट्रीटमेंट के लिए आए थे। यहां 5 दिन पहले भर्ती हुए थे। इलाज के दौरान ब्रेन में ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण वह कोमा में चले गए थे। मंगलवार को वह ब्रेन डेड हो गए। मरीज के परिजनों ने पेशेंट की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद लिवर, किडनी डोनेट करने की मंशा जाहिर की थी। इसके बाद तय प्रोटोकॉल के तहत मेडिकल एक्सपर्ट की कमेटी ने पेशेंट महेश नामदेव को ब्रेन डेड घोषित किया। साथ ही नेशनल टिसू एंड ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन को पेशेंट की रिपोर्ट भेजी गई। हृह्रञ्जञ्जह्र ने मरीज का लिवर बंसल हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को, एक किडनी चिरायु हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज और एक किडनी सिद्धांता रेडक्रास हॉस्पिटल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट करने की मंजूरी दी है।
जिस दिन छुट्टी होनी थी उसी दिन आया अटैक
महेश नामदेव के पुत्र सचेंद्र नामदेव ने कहा, हम लोग सागर के महाराज के रहने वाले हैं। पिताजी खेती करते थे। मंगलवार को पिताजी की तबीयत खराब होने के बाद सागर के भाग्योदय अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर्स ने बताया कि हार्ट अटैक आया है। हम उन्हें लेकर भोपाल के सिद्धांता अस्पताल आ गए। यहां उनकी एंजियोप्लास्टी हुई। दो-तीन दिन ठीक रहे। जिस दिन छुट्टी होनी थी उसी दिन ब्रेन हेम्ब्रेज हो गया। उनकी सर्जरी भी हुई थी। ज्यादा ब्लीडिंग होने से पिताजी का निधन हो गया।
49 वर्षीय मरीज को ट्रांसप्लांट होगा लिवर
महेश नामदेव का लिवर बंसल हॉस्पिटल में भर्ती करोंद निवासी 49 वर्षीय मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाएगा। मरीज को डॉक्टर्स ने एक साल पहले लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की सलाह दी थी। लेकिन, आर्गन डोनर नहीं मिलने के कारण सर्जरी नहीं हो पा रही थी। हॉस्पिटल में मरीज की सर्जरी लिवर ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. गुरसागर सिंह सहोता करेंगे।