RPL लागू करने की तैयारी में UGC, ड्राफ्ट तैयार
मप्र: अगर आपने किसी कॉलेज में औपचारिक पढ़ाई नहीं की है, लेकिन अपने अनुभव और कौशल के आधार पर किसी भी क्षेत्र में महारत हासिल की है, तो अब आप भी डिग्री या डिप्लोमा हासिल कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उच्च शिक्षा में रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) लागू करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत उन लोगों के ज्ञान और कौशल को औपचारिक रूप से मान्यता मिलेगी, जिन्होंने स्व-अध्ययन या अनौपचारिक तरीके से कार्य अनुभव के जरिए विशेषज्ञता हासिल की है।
बदलती भर्ती प्रक्रिया में बढ़ेगा लाभ
प्रो. पंकज राय का कहना है कि आज दुनिया भर की कंपनियां सिर्फ डिग्री पर ही नहीं, बल्कि कौशल पर भी ध्यान दे रही हैं। ऐसे में यह पहल युवाओं और पेशेवरों के लिए बड़े अवसर लेकर आएगी। अब जो लोग औपचारिक शिक्षा से दूर थे, वे भी अपने ज्ञान और अनुभव को मान्यता दिलाकर अपने करियर में आगे बढ़ सकेंगे। यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को इसे लागू करने के निर्देश दिए हैं। इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग अपने अनुभव और प्रशिक्षण के आधार पर प्रोफेशनल डिग्री या सर्टिफिकेट कोर्स कर सकेंगे।
आरपीएल क्या है और यह कैसे काम करेगा?
आरपीएल यानी 'पूर्व शिक्षा की मान्यता' का उद्देश्य औपचारिक और अनौपचारिक शिक्षा के बीच के अंतर को कम करना है। इसके तहत कार्य अनुभव, ऑनलाइन कोर्स, कार्यशालाओं, उद्योग प्रशिक्षण और अन्य गैर-पारंपरिक तरीकों से सीखी गई चीजों को भी अकादमिक क्रेडिट में बदला जा सकता है। इच्छुक उम्मीदवारों को मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना होगा, जिसमें लिखित परीक्षा, साक्षात्कार या व्यावहारिक परीक्षा शामिल हो सकती है। मूल्यांकन के आधार पर उम्मीदवारों को उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश दिया जाएगा।
बिना दोबारा अध्ययन के दी जाएगी डिग्री
यूजीसी का मानना है कि कई लोग किसी खास क्षेत्र में सालों तक काम करके ज्ञान और अनुभव हासिल करते हैं, लेकिन पारंपरिक शिक्षा के अभाव में वे आगे नहीं बढ़ पाते। अब वे बार-बार पढ़ाई से बचकर सीधे डिग्री या डिप्लोमा कोर्स का हिस्सा बन सकते हैं। इस पहल के जरिए भारत में वैश्विक मानकों के अनुसार शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा। यह मॉडल ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंडोनेशिया जैसे कई देशों में पहले ही सफलतापूर्वक लागू किया जा चुका है।