रामराज्य की परिकल्पना में सभी का कल्याण निहित-सीएम
जयपुर । मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में अमृत काल के लक्ष्य प्राप्त करने में लोक प्रशासन की भूमिका विषय पर स्वामी गोविन्द देव गिरि जी महाराज के व्याख्यान के अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों एवं लोकसेवकों को सम्बोधित करते हुए कहा है कि अमृतकाल में भारत को विकसित, आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए राम राज्य की सोच और आदर्श पर चलना ही सबसे उपयुक्त है।
उन्होंने कहा कि किसी भी समाज की उन्नति के लिए धर्म का पालन बहुत आवश्यक है। सही मार्ग पर चलना, राष्ट्रहित तथा हर व्यक्ति को न्याय मिले यह सब धर्म की अवधारणा में निहित है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने जीवन में धर्म और मर्यादा के पालन का आदर्श समाज के सामने प्रस्तुत किया। भगवान राम के आदर्शों पर आधारित रामराज्य की अवधारणा में सभी के कल्याण का भाव निहित है। शर्मा ने कहा कि लोक सेवकों को देश एवं प्रदेश की प्राथमिकताओं के अनुसार नीतियां बनानी चाहिए तथा उन नीतियों में नवीनतम तकनीक और नवाचारों को प्रभावी रूप से लागू करना चाहिए। साथ ही, उन्हें सुशासन के लिए पारदर्शिता, जवाबदेही और सर्विस डिलिवरी पर फोकस रखते हुए कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि लोकसेवकों को अपनी भूमिका निष्ठा से निभानी होगी, जिससे आमजन का सुशासन के प्रति विश्वास बना रहें तथा विकसित भारत के निर्माण में सभी अपना योगदान दे सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या का राम मंदिर वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र है। इस मंदिर के निर्माण में श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष के रूप में स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज के योगदान को कोई नहीं भुला सकता। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हजारों सालों से चलती आ रही हमारे देश की महान संस्कृति और परम्परा को आगे बढ़ाया है, जिसका लोहा पूरी दुनिया मानती है।