पश्चिम मध्य रेलवे ने की अकूत कमाई
भोपाल । पश्चिम मध्य रेलवे (पमरे) ने कोविड को पीछे छोड़ते हुए वित्तीय वर्ष 2021-2022 में रिकॉर्ड राजस्व जुटाया है। यह इसी अवधि में एक साल पहले की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक है। दरअसल रेलवे ने कोविड में यात्री ट्रेनों के बंद होने पर अपनी आय बढ़ाने के लिए माल भाड़ा पर अधिक जोर दिया।जीएम सुधीर कुमार गुप्ता के मुताबिक पमरे ने पैसेंजर यातायात 1341 करोड़ कमाया। ये पिछले वर्ष की तुलना में 150 प्रतिशत अधिक रहा। कोचिंग से होने वाली आय बढ़कर 146 करोड़ पहुंची है। पिछले वर्ष 59 करोड़ ही मिले थे। वहीं माल ढुलाई में सबसे अधिक 4177 करोड़ का राजस्व मिला है। रेत परिवहन से 145 करोड़ अधिक प्राप्त किया है।
यात्री सुविधाओं के लिए ये प्रयास हुए
ट्रेन यात्रा को सुविधाजनक बनाते हुए सुरक्षित और बेहतर बनाया गया है। पमरे से प्रारंभ और गुजरने वाली कुल 800 से अधिक यात्री गाडिय़ों का संचालन हो रहा है। यात्री यातायात के लिए मेल एक्सप्रेस के संचालन के साथ-साथ नयी प्रकार की मेमू ट्रेनों की शुरुआत की गई। फ्रेट लोडिंग को बढ़ावा देने के लिए व्यापार विकास इकाइयां (बीडीयू) स्थापित की गई। नये लोडिंग स्ट्रीम से माल यातायात को बढ़ावा दिया गया। फ्रेट लोड मालगाडिय़ों की औसत गति में 57 किमी प्रति घंटे से अधिक की गई। अलग-अलग रेल खण्ड की क्षमता में वृद्धि और इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी बढ़ाया। इसके साथ ही साथ ऑपरेशनल सुधार भी किए। गुड्स टर्मिनल की वर्किंग में सुधार और मालगाडिय़ों के डिटेंशन को कम कर मालगाडिय़ों के संचालन में तेजी लाई गई। इससे माल ढुलाई में वृद्धि हुई। यातायात के लिये पार्सल मैनेजमेंट सिस्टम शुरू किया गया। साथ ही साथ एसएलआर की लीजिंग पर अधिक से अधिक मॉनिटरिंग किया गया। संड्री (रेत) आय के अंतर्गत लैंड लाइसेंसिंग और गैर किराया राजस्व (एनएफआर) बढ़ाने के लिए भी व्यापक पैमाने पर कार्य किया जा रहा है।