भाजपा ने उम्मीदवारों की घोषणा क्यों टाली
जयपुर। भारतीय जनता पार्टी अपने चुनावी बयानों से फिर एक बार पीछे हट गई है चुनाव जीतने की गरज से भाजपा उच्च नेतृत्व ने कमजोर सीटों पर उम्मीदवारों को चुनावी प्रचार का पूरा समय मिले ताकि कांग्रेस के उम्मीदवार को पराजय का मुंह देखना पड़े पार्टी ने जीत के लिए बाकायदा प्रदेश की 200 विधानसभा सीटों का दूसरे प्रदेश के विधायकों से आतंरिक सर्वे भी उस रणनीति से करवाया है जिन सीटों पर भाजपा अभी तक पराजय का दंश पिछले 2 तीन चुनावों से झेलती आ रही है ऐसी सभी सीटों को विजयश्री की माला पहनाने के लिए पहले से उम्मीदवारों की घोषणा करने का फैसला होता उससे पहले ही भाजपा के ही उच्च पदस्थ सूत्रों की खबर को पीछे हटा लिया की पहले चारो दिशाओं से शुरू होने वाली यात्रायें निकाली जाये तब उम्मीदवारों की घोषणा होगी। सूत्र बताते है कि भाजपा का उच्च नेतृत्व राजस्थान में सत्ता तक भाजपा को पहुंचाने में कई परेशानियों के फंसे पेच में चिंतित है जिनमें उम्रदराज विधायकों का टिकट के लिए पार्टी को ही आरोपित करना हर सीट पर कराये गए सर्वे में मौजूदा कुछ विधायकों का नकारात्मक सर्वे आना और प्रदेश संगठन में करीब तीन चार गुटों का उभरना दिख रहा है। भारतीय जनता पार्टी राज्य स्तर के वरिष्ठ नेताओं में और विचारों में मनभेद और मतभेद नहीं उभरे के कारण ही उम्मीदवारों की घोषणा पहले करने से पीछे हट गई है यही कारण है कि विधानसभा के होने वाले चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी का ही चेहरा और केन्द्र की आमजन को लाभकारी योजनायें आगे होगी और गहलोत की कांग्रेस सरकार की अलोकहितकारी योजनाओं के साथ घपले घोटाले कानून व्यवस्था और प्रशासनिक प्रबंधन की अव्यवस्थाओं को मुद्दा बनाकर आमजन तक पहुंचाने पर जोर होगा।