नई शराब नीति का महिलाएं कर रही विरोध, जताई नाराजगी
भोपाल । प्रदेश में लागू नई शराब नीति को रद्द करवाने के लिए महिला संगठन ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नाराजगी जताई है। महिलाओं ने शराब से महिला अपराध सहित अन्य अपराधों में तेजी आने के आरोप लगाए हैं। यह विरोध प्रदर्शन आल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की मध्यप्रदेश इकाई के बैनर तले किया गया है। नई शराब नीति को रद्द करने, महंगाई पर रोक लगाने, व महिलाओं बच्चियों पर बढ़ते अपराधों पर रोक लगाने की मांग पर राज्य स्तरीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन सोमवार को नीलम पार्क में किया गया। कार्यक्रम की संयोजक व संगठन की राज्य समिति सदस्य आरती शर्मा ने बताया कि नई शराब नीति के विरोध में मध्य प्रदेश के कई जिलों व भोपाल शहर के कई इलाकों से सैकड़ों की संख्या में महिलाएं जुलूस के रूप में नई शराब नीति को रद्द करो, महिलाओं बच्चियों पर बढ़ते अपराधों पर रोक लगाओ, महंगाई पर रोक लगाओ, अश्लीलता पर रोक लगाओ आदि गगनभेदी नारे लगाती हुई प्रदर्शन स्थल नीलम पार्क पर पहुंची, जहां कार्यक्रम की शुरुआत में जन गीत गाए गए।इस विरोध प्रदर्शन की अध्यक्षता कर रही व संगठन की राज्य अध्यक्ष जोली सरकार ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा की एक तरफ तो आम जनता आसमान छूती महंगाई, बेरोजगारी, महंगे शिक्षा और स्वास्थ्य, महिला अपराध व अश्लीलता अपसंस्कृति से जूझ रही है, दूसरी ओर मध्य प्रदेश सरकार ने नई शराब नीति को लागू करके एक और नई समस्या खड़ी कर दी है। इस नीति के तहत शराब और सस्ती व सुलभ हो गई है, जिसके कारण पहले से समाज में महिलाएं असुरक्षा व अपराध झेल रही हैं, उन अपराधों में भारी इजाफा होगा। साथ ही छोटे बच्चों पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा। क्योंकि शराब आसानी से घरों या छोटी दुकानों से उपलब्ध हो सकेगी। महिला सांस्कृतिक संगठन सरकार की इस नई शराब नीति का पुरजोर विरोध करती है और शीघ्र इसे वापस लेने की सरकार से मांग करती है।इस विरोध प्रदर्शन की मुख्य वक्ता राज्य सचिव व ऑल इंडिया कमेटी की सचिव मंडल सदस्य रचना अग्रवाल ने विस्तार व गहराई से नई शराब नीति व इससे होने वाले दुष्परिणामों पर बात रखते हुए कहा कि मध्य प्रदेश सरकार नई शराब नीति 2022 लेकर आई है जिसके तहत घर-घर शराब लाइसेंस देने, शराब पर टैक्स घटाकर सस्ता करने, माल, बाजार, पर्यटन स्थल पर शराब दुकान खोलने की नीति और बिना लाइसेंस घर में चार गुना शराब रखने की नीति, घोर जनविरोधी महिला विरोधी नीति है। आदिवासियों को शिक्षित बनाकर मुख्यधारा में लाने की नीति से पीछे हट कर स्कूलों को बंद करके शराब बेचने को बढ़ावा देने की नीति आपराधिक और अनैतिक कदम है, जो पूरे समाज को गर्त में ले जाएगा।उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में महिलाओं बच्चियों पर सर्वाधिक अपराध के मामले में हम देश के चार राज्यों में से एक हैं गत वर्ष में प्रदेश में 5600 बलात्कार के मामले, 4031 यौन हमले, 54,649 घरेलू हिंसा के मामले, 13,719 छेड़छाड़ के मामले दर्ज हुए हैं, और 2808 अपहरण के मामले दर्ज हुए हैं। तमाम सरकारी, गैर सरकारी सर्विस संस्थाएं बताती रही हैं कि महिलाओं पर अपराधों का एक बड़ा कारण है शराब। शराब की लत परिवार की आर्थिक तबाही और महिलाओं पर शारीरिक मानसिक प्रताड़ना के लिए बड़े पैमाने पर जिम्मेदार है। सस्ती और आसानी से उपलब्ध शराब महिलाओं पर अपराध और घरेलू हिंसा को कई गुना बढ़ा देगी। विरोध प्रदर्शन को भोपाल, गुना, ग्वालियर, अशोक नगर, सागर, जबलपुर, इंदौर, देवास, विदिशा, रायसेन, आदि जिले से आई हुई प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया।