भोपाल: विश्व संग्रहालय दिवस 2025 का समापन मध्यप्रदेश में ऐतिहासिक सफलता और भव्य आयोजन के साथ हुआ। 18 से 22 मई तक चले इस उत्सव ने राज्यभर में हजारों दर्शकों को आकर्षित किया। आयोजन की विशेषता रही सांस्कृतिक समृद्धि, तकनीकी नवाचार और जनभागीदारी का अद्भुत संगम, जिसने इसे केवल एक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक सांस्कृतिक चेतना के महोत्सव का रूप दे दिया।

राज्य के चारों प्रमुख क्षेत्र- भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर- में कुल 6,081 दर्शकों ने विभिन्न संग्रहालयों का भ्रमण किया। आयोजन में- इंदौर क्षेत्र में 1,778 दर्शकों की उपस्थिति दर्ज़ की गई, जबकि ग्वालियर में 1,723, भोपाल में 1,420 और जबलपुर में 1,160 दर्शक पहुंचे। इसके अतिरिक्त, राज्य संग्रहालय भोपाल में 18 से 22 मई तक चले पांच दिवसीय आयोजन में 1,020 दर्शकों ने भाग लिया, जो दर्शाता है कि संग्रहालयों के प्रति जन-जागरूकता और रुचि निरंतर बढ़ रही है।

22 मई को भोपाल के राज्य संग्रहालय में आयोजित 'म्यूज़ियम वॉक' और 'म्यूज़ियम मेला' ने दर्शकों को ऐतिहासिक और तकनीकी अनुभवों से जोड़ा। इस विशेष आयोजन में लिखनराज समूह, बिहार विद्यार्थी परिषद, भारतीय पुरातत्व परिषद के सदस्य, वाणिज्यिक भोपाल के अधिकारी एवं सीसीआई के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। सभी आगंतुकों ने संग्रहालय की कलाकृतियों का गहन अवलोकन किया और भारतीय परंपरा तथा गौरवशाली इतिहास से जुड़ाव महसूस किया।

इस अवसर पर संग्रहालय में स्थापित नवीनतम वी आर सेंटर दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। यह केंद्र संस्था "आंखों-देखा" के माध्यम से आयुक्त पुरातत्व के मार्गदर्शन में स्थापित किया गया, जिसका उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 18 मई 2025 को किया गया था। यह तकनीकी पहल दर्शकों को वर्चुअल माध्यम से विरासत को समझने, अनुभव करने और उससे जुड़ने का अवसर प्रदान करती है। इसके साथ ही "ग्लो इन द डार्क" कक्ष, सैंड आर्ट स्टेशन, 3डी इल्यूजन पेंटिंग, और "160 फ्रेम्स ऑफ टाइम" जैसी नवाचारी प्रदर्शनी ने दर्शकों को विशेष अनुभव प्रदान किया। 'म्यूज़ियम मेला' में भाग लेने वाले आगंतुकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी ने इस आयोजन को और भी जीवंत बना दिया।

राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी इसी प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित की गईं। ग्वालियर के गुजरी महल संग्रहालय में हजारो  दर्शकों ने म्यूज़ियम वॉक का आनंद लिया। विदिशा में आयोजित विशेष प्रदर्शनी के साथ म्यूज़ियम वॉक को भी दर्शकों द्वारा सराहा गया। रीवा और त्रिवेणी संग्रहालयों में भी भारी संख्या में दर्शक पहुंचे और इस उत्सव का हिस्सा बने।

यह आयोजन केवल एक दिन की गतिविधि नहीं था, बल्कि यह मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक ऐतिहासिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सशक्त रूप से प्रस्तुत करने वाला अभियान था। संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय, मध्यप्रदेश द्वारा की गई यह पहल निश्चित रूप से संग्रहालयों को जनसामान्य से जोड़ने और भावी पीढ़ियों को अपनी विरासत के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध हुई है।