शिव 'राज' की घोषणाओं पर कांग्रेस को आपत्ति
भोपाल । गतदिनों कैबिनेट में शिवराज सरकार ने कई अहम फैसले लिए। दो मेडिकल कॉलेज सहित 23 आईटीआईखोलने की स्वीकृति दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन फैसलों की जानकारी चुनावी मंच से दी। इसे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने आचार संहित का उल्लंघन बताया। उन्होंने प्रदेश की मौजूदा सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग की भूमिका पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। कमलनाथ ने बयान जारी कर कहा कि चुनाव में प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा लगातार शासन एवं प्रशासन का दुरुपयोग और आचार संहिता के खुलेआम उल्लंघन करने का मामला अत्यंत गंभीर है। इन मामलों में आयोग द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने पर सवाल किया कि जनता के मन में प्रश्न उठ रहा है कि क्या राज्य निर्वाचन आयोग स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं संवैधानिक संस्था की तरह काम कर रहा है या नहीं? शिवराज सिंह चौहान सरकार कहीं राज्य निर्वाचन आयोग को भी अपना एक विभाग मानकर तो काम नहीं करा रही है?
कमलनाथ ने कहा- आयोग अगर कार्यवाही नहीं कर रहा तो इसके पीछे क्या राजनीतिक दबाव है? निर्वाचन आयोग के जिम्मेदार पदाधिकारियों द्वारा इस तरह का आचरण क्यों किया जा रहा है? या फिर आयोग संविधान द्वारा प्रदत्त अपनी शक्तियों का उपयोग किसी अन्य कारण से नहीं करना चाहता? कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता को इस बात में कोई संदेह नहीं है कि 15 महीने बाद कांग्रेस की सरकार बनने वाली है। ऐसे में आप सब खुद बुद्धिमानी से लोकतंत्र और चुनाव प्रणाली का सम्मान करें और सत्य का साथ दें।
क्षेत्र विशेष के मतदाताओं को प्रभावित किया जा रहा
कमलनाथ ने कहा कि क्षेत्र विशेष के मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए इस तरह के नए फैसले बाकायदा कैबिनेट में मंजूर हो रहे हैं। नवीन आईटीआई और नए मेडिकल कॉलेज खोलने के निर्णय लिए। इसकी घोषणा सीएम शिवराज चुनावी प्रचार की सभाओं के मंच से कर रहे हैं। इसको लेकर आयोग को स्वयं भी संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
शिवराज के आचरण से मप्र के भविष्य पर खतरा पड़ेगा
कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अपेक्षा करता हूं कि संवैधानिक पद की गरिमा का पालन करते हुए स्वयं बार-बार आचार संहिता का उल्लंघन करने से खुद को अलग रखें। गलत आचरण करने से ऐसा हो सकता है कि एक आध चुनाव क्षेत्र में उन्हें थोड़ा बहुत फायदा मिल जाए, लेकिन अंतत: इससे मध्यप्रदेश के भविष्य को दूरगामी खतरा पैदा हो जाएगा और गलत परंपराओं की नींव पड़ेगी।
पंचायत चुनाव की घटनाओं की भी जानकारी दी
कमलनाथ ने कहा कि जनता के मन में यह प्रश्न इसलिए आ रहे हैं कि पंचायत चुनाव में सदस्यों पर दबाव डालने के बहुत से मामले साक्ष्य सहित सामने आ चुके हैं, कई जगहों पर प्रशासन के संरक्षण में बूथ कैप्चर होने की शिकायतें भी की गई हैं, कई सदस्य प्रत्याशी वीडियो जारी करके बता चुके हैं कि सत्ताधारी पार्टी उन्हें दूसरे पक्ष में आने के लिए प्रताडि़त कर रही है। यह सब अत्यंत गंभीर मामले हैं और इन मामलों पर राज्य निर्वाचन आयोग की चुप्पी बहुत से सवाल खड़े करती है?