प्रदूषणकारी उद्योगों की सतत् निगरानी की जा रही
भोपाल। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण निगरानी केन्द्र से प्रदूषणकारी उद्योगों की सतत् निगरानी की जा रही है। इससे प्रदूषण की स्थिति निर्मित होने के पहले ही, उसे नियंत्रित कराने और उद्योगों को प्रदत्त प्रदूषण नियंत्रण के निर्धारित मापदंडों का पालन कराने में सहायता मिलती है। उद्योगों और संस्थानों आदि में स्थापित प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था के व्यवस्थित संचालन एवं आवश्यकता अनुसार सुधार कार्यों पर भी निगरानी रखी जाती है।
केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्देशित 17 प्रकार के अति-प्रदूषणकारी उद्योगों को भी प्रदेश में चिन्हित कर उनकी सतत् निगरानी की जा रही है। प्रदूषण की दृष्टि से लाल एवं नारंगी श्रेणी में चिन्हित अपेक्षा से अधिक प्रदूषण भार वाले उद्योग सतत् निगरानी के दायरे में हैं। उद्योगों द्वारा सतत् स्त्रोत उत्सर्जन मापन उपकरण (CEMS), सतत् दूषित जल गुणवत्ता मापन उपकरण (CEQMS), सतत् परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन उपकरण (CAAQMS) और आईपीपीटीजे़ड कैमरा आदि व्यवस्थाएँ स्थापित हैं। पर्यावरण निगरानी केन्द्र को इनके माध्यम से लगातार प्रदूषण की स्थिति की जानकारी मिलती रहती है।
अधिकांश प्रदूषणकारी उद्योगों द्वारा निगरानी उपकरण स्थापित
उद्योगों के अतिरिक्त कॉमन बायोमेडिकल वेस्ट, नगरीय अपशिष्ट, औद्योगिक खतरनाक अपशिष्ट, औद्योगिक निस्त्राव आदि उपचारित करने वाली सुविधाओं से होने वाले प्रदूषण की निगरानी भी इसी केन्द्र से की जाती है। वर्तमान में प्रदेश में 101 अति-प्रदूषणकारी प्रकृति के उद्योगों में से अधिकांश उद्योगों द्वारा सतत् निगरानी उपकरण स्थापित कर लिये गये हैं। इसके अलावा 102 अन्य प्रमुख प्रदूषणकारी उद्योगों द्वारा भी सतत् निगरानी उपकरण स्थापित किये गये हैं। उद्योगों द्वारा कुल 354 स्त्रोत मॉनिटरिंग उपकरण, 142 सतत् परिवेशीय वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग उपकरण, 65 सतत् दूषित निस्त्राव मापक उपकरण, 199 आईपी कैमरे स्थापित किये जा चुके हैं।