निकाय चुनाव में कमलनाथ की गाइडलाइन ने बढ़ाया भाजपा का सिरदर्द
भोपाल। मध्यप्रदेश में होने जा रहे निकाय चुनाव को लेकर पहले प्रत्याशी चयन में कांग्रेस ने भाजपा से बाजी मारकर अपनी रणनीति से भाजपा को अचरज में डाल दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गाइडलाइन जारी की है, कि निकाय चुनाव में कोई भी नेता अपने वार्ड से ही पार्षद का चुनाव लड़ेगा,पूर्व पार्षद और कार्यकर्ता किसी दूसरे के वार्ड में सेंध नहीं लगाएगा। इस गाइडलाइन के मायने देखें तो यह भाजपा के लिए बड़ी चुनौती होगी । कांग्रेस के महापौर प्रत्याशियों के लिए भी लड़ाई आसान होगी। पार्षद पद के प्रत्याशी अगर खुद के क्षेत्र से होंगे तो वे अपने लिए तो काम करेंगे ही, महापौर पद के प्रत्याशी की जीत की राह को भी आसान बनाएंगे। कांग्रेस इस बात को समझ रही थी कि अगर पार्षद के प्रत्याशियों ने वार्ड बदला तो न सिर्फ इससे गुटबाजी को हवा मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में नेताओं में कटुता भी बढ़ेगी। चूंकि, निकाय चुनाव को 2023 का सेमीफाइनल माना जा रहा है, इसलिए कमलनाथ भाजपा को कोई मौका नहीं देना चाहते, जिससे उसे कांग्रेस को घेरने का मौका मिले और जनता के बीच गलत संदेश जाए।
कांग्रेस नगरीय निकाय चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए प्लान तैयार कर चुकी है। छोटे शहरों के चुनाव में बड़ी जीत की उम्मीद लगाई हुई कांग्रेस इस बार यह मौका अपने हाथ से नही जाने देना चाहती है। जिसको लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ इन चुनावों को गंभीरता से लेते नेताओं के लिए गाइडलाइन जारी की है। निकाय चुनाव मध्य प्रदेश में कांग्रेस के लिए अस्तित्व की जंग से कम नहीं है। निकाय चुनाव के परिणाम का असर 2023 में होने वाले विधानसभा के चुनाव के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी असर डालेगा।
नगर निकाय चुनावों में जीत की तैयारी में लगी कांग्रेस अपने पुराने फॉर्मूले पर उतरी है। जिस तरह 2018 में पार्टी ने सर्वे करवा कर उम्मीदवारों का चयन किया था ठीक वहीं फार्मूला कांग्रेस ने इस बार निकाय चुनाव में आजमाया है। महापौर पद के लिए ऐसे चेहरों को मैदान में उतरा है, जो न सिर्फ अपने क्षेत्र में ताकतवर हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं के बीच से हैं।
अब तक के निकाय चुनाव में भाजपा प्रत्याशी चयन के आधार पर जीत दर्ज करती आई है। कांग्रेस अपने सटीक प्रत्याशी चयन न हो पाने की वजह से निगम गंवाती रही है। लेकिन इस बार हालत बदले हैं। कांग्रेस ने ऐसे प्रत्याशी दिए हैं जो अपने वार्ड में अधिकांश मतदाताओं की पंसद है। कांग्रेस उम्मीदवार सिर्फ भाजपा को बराबरी की टक्कर देंगे, बल्कि चुनाव को भी कड़े मुकावले के साथ जीत में बदलेंगे।