मप्र के तीन संभागों तक नहीं पहुंचा मानसून
भोपाल । राजधानी सहित प्रदेश के अधिकतर जिलों में प्रवेश कर लिया, लेकिन अभी भी चंबल एवं ग्वालियर, उज्जैन संभाग के कुछ जिलों को मानसून का इंतजार है। इन संभाग के जिलों को अभी भी झमाझम पानी गिरने का इंतजार है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में अलग–अलग स्थानों पर सक्रिय पांच मौसम प्रणालियों के असर से नमी आ रही है।इससे पूरे प्रदेश में रुक–रुककर बौछारें पड़ रही हैं। उधर सोमवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक रायसेन में 49, गुना में 32, भोपाल में 30.2, छिंदवाड़ा में 24, नौगांव में 23, नर्मदापुरम , खंडवा में 10, दमोह में सात, रतलाम, सिवनी में छह, खजुराहो में 4.4, मलाजखंड में दो मिलीमीटर वर्षा हुई।पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला के अनुसार, वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर एवं उससे लगे पाकिस्तान पर हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात के रूप में बना हुआ है। उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर बांग्लादेश तक एक द्रोणिका लाइन बनी हुई है। छत्तीसगढ़ से लेकर आंध्र प्रदेश तक एक द्रोणिका लाइन मौजूद है। महाराष्ट्र से लेकर केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका लाइन बनी हुई है। इन पांच मौसम प्रणालियों के कारण मप्र में वर्षा हो रही है।मौसम विज्ञान केंद्र की वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ममता यादव के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा पोरबंदर, बड़ौदा, शिवपुरी, रीवा, चुर्क से होकर गुजर रही है। मानसून मप्र के चंबल संभाग के जिले तथा ग्वालियर, दतिया, नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, उज्जैन, आगर जिलों को छोड़कर पूरे प्रदेश में आ चुका है। वातावरण में काफी नमी मौजूद है।इस वजह से पूरे प्रदेश में गरज–चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला अभी बनी रहेगा। हालांकि 27 जून से प्रदेश में कहीं–कहीं भारी वर्षा का दौर भी शुरू हो सकता है। मौसम विज्ञानी पीके साहा के अनुसार, मंगलवार–बुधवार को डिंडोरी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, छतरपुर, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, नीमच, आगर, शाजापुर, गुना, शिवपुरी, एवं श्यौपुरकला जिलों में कहीं–कहीं मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।