निशातपुरा रेलवे ओवर ब्रिज का काम अटका
भोपाल । ट्रांसमिशन लाइन आरओबी के रास्ते में आ रही है। लाइन के कारण पिलर का काम रुकने के साथ ही दो गर्डर भी लांच नहीं हो पा रहे हैं। यह रेलवे ओवर ब्रिज अब सितंबर तक पूरा होने की उम्मीद है। संचरण लाइन को शिफ्ट कराने के लिए पीडब्ल्यूडी बिजली कंपनी को पत्र लिख चुकी है, लेकिन इसके बाद भी शिफ्टिंग का काम शुरू नहीं हो पाया है। मालूम हो कि पुराने शहर की सबसे महत्वपूर्ण सड़क बैरसिया रोड जो कि शहर को ग्रामीण इलाकों सहित अन्य जिलों को राजधानी से जोड़ती है, इसी सड़क पर निशातपुरा रेलवे फाटक पर करोंद मंडी से आरिफ नगर तक आरओबी का निर्माण किया जा रहा है। इसके बनने से इस मार्ग की यातायात व्यवस्था में सुधार हो जाएगा। इस सड़क पर आए दिन ट्रैफिक जाम लगता है। इससे पीडब्ल्यूडी ने 2009 में साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से अंडरब्रिज का निर्माण कराया था। आठ साल में बनकर तैयार हुआ यह अंडरब्रिज सफल नहीं हुआ, क्योंकि इसमें पानी भर जाने से वाहनों का निकलना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से यहां पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया था। इस ओवर ब्रिज के बनने से यहां के दो दर्जन से अधिक इलाकों के छह लाख लोगों को फायदा होगा। इनमें करोंद, हाउसिंग बोर्ड, विश्वकर्मा नगर, छोला, देवकी नगर, आरिफ नगर, डीआइजी बंगला, गांधीनगर, फिजा कालोनी, टीलाजमालपुरा, काजी कैंप, नवाब कालोनी, भोपाल टाकीज शामिल हैं। साथ ही बैरसिया, विदिशा, रायसेन की तरफ से आने वाले लोगों को यातायात में लाभ होगा। निशातपुरा आरओबी बनाने का प्लान मेट्रो रूट के कारण अटक गया था। इस वजह से 2019 में आरओबी का काम शुरू हो पाया था। इसका निर्माण पूरा करने की समय सीमा दो साल तय की गई थी, लेकिन इसका काम अब तक पूरा नहीं हुआ है। अब पीडब्ल्यूडी इसे सितंबर तक पूरा करने का दावा कर रही है। अभी तक इसका 70 फीसद काम ही पूरा हो पाया है। रेलवे ओवर ब्रिज का काम 15 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा है। आरओबी की चौड़ाई 8.4 मीटर होगी, जबकि रेलवे लाइन के ऊपर यह 12 मीटर चौड़ा रहेगा। आरओबी की लंबाई 754 मीटर रखी गई है। इस बारे में पीडब्ल्यूडी मुख्य अभियंता संजय खांडे का कहना है कि निशातपुरा रेलवे ओवर ब्रिज का काम तेजी से किया जा रहा है। यहां पर ट्रांसमिशन लाइन बीच में आने की वजह से गर्डर लांच नहीं हो पा रहे हैं। इसके लिए बिजली कंपनी को बोला गया है। लाइन शिफ्ट होते ही पिलर बनने व गर्डर लांच करने का काम शुरू कर दिया जाएगा। सितंबर 2022 तक ब्रिज बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पीआरओ मनोज द्विवेदी का कहना है कि पीडब्ल्यूडी की तरफ से ट्रांसमिशन लाइन को शिफ्ट करने के लिए बोला गया है। जिसको लेकर तैयारी की जा रही है, जल्द ही इसकी शिफ्टिंग का काम शुरू कर दिया जाएगा।