सेफ सिटी की तर्ज पर बन रहा सेफ इंडस्ट्रियल एरिया
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में शहरों की सुरक्षा को लेकर सेफ सिटी योजना पर काम कर रही योगी सरकार अब शहरों के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्रों की सुरक्षा को भी लेकर गंभीरता से कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा), सेफ सिटी की तर्ज पर अब सेफ औद्योगिक क्षेत्र पर काम कर रहा है। औद्योगिक क्षेत्रों को सुरक्षित बनाने के लिए परियोजना के तहत काम भी शुरू हो गए हैं। इसके अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों को सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है, ताकि वहां होने वाली हर गतिविधि कैमरे में कैद होती रहे और वहां लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा हो। इसके साथ ही पिंक टॉयलेट, अग्निशमन केंद्र, पुलिस चौकी आदि का भी निर्माण किया जा रहा है। इन कार्यों पर करीब 235 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। यूपीसीडा 70 औद्योगिक क्षेत्रों में इस परियोजना को मूर्त रूप देने में जुट गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सेफ सिटी बनाने की योजना के सुखद परिणामों को देखने के बाद सरकार ने सेफ औद्योगिक क्षेत्र पर गंभीरता से प्रयास शुरू किए हैं। यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) मयूर माहेश्वरी ने सेफ औद्योगिक क्षेत्र का प्लान बनाया और उसे धरातल पर उतरने के लिए न सिर्फ 235 करोड़ का भारी भरकम बजट पास किया बल्कि काम भी शुरू करा दिया। इससे न सिर्फ औद्योगिक क्षेत्र में महिलाओं, उद्यमियों और अन्य कर्मचारियों, श्रमिकों की सुरक्षा का बेहतर प्रबंधन होगा बल्कि सुरक्षित माहौल में काम भी बेहतर हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सेफ औद्योगिक क्षेत्र परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। हम इस परियोजना के तहत दक्ष कार्मिक उपलब्ध कराने के लिए युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाएंगे। साथ ही शुद्ध पेयजल, भोजन, हेल्थ चेकअप जैसी सुविधाओं पर भी काम कर रहे हैं।
परियोजना के तहत औद्योगिक क्षेत्रों में 55 करोड़ रुपए से 25 हजार स्ट्रीट लाइटें और 25 करोड़ की लागत से 480 हाई मास्ट लाइटें लगाने का काम प्रगति पर है। पुरानी स्ट्रीट लाइटों को बदलकर उनके स्थान पर नई लाइटें भी लगाई जा रही हैं। जरूरत पड़ते ही त्वरित गति से पुलिस की मदद मिल सके इसके लिए ही 43 पुलिस चौकियों की स्थापना का लक्ष्य है। इनमें से 42 का निर्माण हो गया है या प्रगति पर है। एक पुलिस चौकी के निर्माण को टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। आग लगने की घटनाओं पर तुरंत काबू पाने के लिए ही 12 अग्निशमन केंद्र बनाए जाने हैं। इनमें से छह अग्निशमन केंद्रों का निर्माण हो गया है या प्रगति पर है। जबकि छह के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है।
परियोजना के तहत 68 शौचालयों पर 13 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। 31 का निर्माण हो गया है या फिर चल रहा है जबकि 37 अभी निविदा की प्रक्रिया में हैं। महिलाओं के लिए तीन पिंक डॉरमेट्री बनाई जा रही हैं। इन पर 2.10 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। पिंक शौचालयों का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही शुद्ध पेयजल का प्रबंध किया जाएगा। महिलाओं के लिए हॉस्टल का प्रबंध भी किया जा रहा है। साथ ही कैंटीन भी बनाने की योजना है। राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाएं इन कैंटीन का संचालन करेंगी। फिलहाल हमीरपुर के भरुआ सुमेरपुर स्थित हिंदुस्तान यूनिलीवर की औद्योगिक इकाई में कैंटीन का संचालन शुरू हो गया है। इसके साथ ही सुरक्षा गार्ड भी औद्योगिक क्षेत्रों में तैनात किए जा रहे हैं। इनमें महिला सुरक्षा गार्ड भी होंगी।
70 औद्योगिक क्षेत्रों में 14 करोड़ रुपए से सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं। साथ ही 2.10 करोड़ रुपए से पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाने का काम चल रहा है। सीसीटीवी कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस रहेंगे, जिससे किसी तरह की आपराधिक गतिविधि होने पर अलर्ट मिल जाएगा। कई जगह पब्लिक एड्रेस सिस्टम बनाए जा रहे हैं। यहां से कर्मचारियों और आसपास के लोगों को संदेश दिया जा सकेगा। औद्योगिक क्षेत्रों में जरूरत के हिसाब से दक्ष कार्मिक उपलब्ध हो सकें इसके लिए स्किल डेवलमेंट सेंटर भी बनेंगे। जैसी मांग होगी वैसा ही प्रशिक्षण भी वहां लोगों को मिलेगा। इससे औद्योगिक इकाईयों में जहां दक्ष कार्मिकों की कमी दूर होगी वहीं युवाओं को रोजगार भी आसानी से मिल सकेगा। जो युवा यहां प्रशिक्षण लेंगे, वहीं उन्हें रोजगार भी मिल सकेगा।
गौतमबुद्ध नगर के सुरजपुर, बरेली, वाराणसी, लखनऊ आदि औद्योगिक क्षेत्रों में क्रेच सेंटर बनाए जा रहे हैं, ताकि महिला श्रमिकों के बच्चों की बेहतर देखभाल हो सके। महिलाएं भी बच्चों की देखभाल की चिंता से मुक्त होकर सुकून से कार्य कर सकेंगी। इन सेंटरों में बच्चों के खेलने, सोने आदि सुविधाएं होंगी। प्राधिकरण औद्योगिक क्षेत्रों में हेल्थ एटीएम भी लगा रहा है। इन हेल्थ एटीएम के लग जाने से वहां काम करने और रहने वाले लोगों को विभिन्न तरह की जांच कराने के लिए पैथोलॉजी में लंबी कतार में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। हेल्थ एटीएम के जरिए बॉडी की स्क्रीनिंग होगी। हाइट, बॉडीवेट, बोनमॉस, इसमें ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, बॉडी टेंपरेचर, बॉडी में ऑक्सीजन की मात्रा, पल्स, प्रोटीन, यूरीन टेस्ट, ड्राई आई टेस्ट, कान की जांच, फैट फ्री वेट, ईसीजी टेस्ट, ब्लड ग्रुप, कोविड एंटीजन, हीमोग्लोबिन, ग्लूकोज, बीपी, हेल्थ स्कोर, नेल टेस्ट आदि जांच की जा सकेंगी। इसके साथ ही हेल्थ सेंटर भी बनाए जा रहे हैं।