नारेबाजी और रोने-धोने से हक नहीं मिलने वाला: ओवैसी
भोपाल । आल इंडिया मजलिस इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश की जो वर्तमान में हालत है, उसको लोकतंत्र में अपनी ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी जुटाकर आगे बढ़ा सकते हैं, अपनी सियासत को मजबूत बनाएं। नारेबाजी और रोने-धोने से हक मिलने वाला नहीं है। इसलिए संविधान में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाएं। दलित मुसलमान और आदिवासी को अपनी हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। तभी उनके मसले हल होंगे। ऐसा नहीं करोगे तो सेंधवा और खरगौन में मकान तोड़ने पर रोते रहना कि आपको कोई बचाने नहीं आया। मैं भरोसा दिलाता हूं, जमीनी पकड़ बनाएं, नेता तैयार करें, लीडर बनकर आगे आएं, तभी आकर आपकी समस्याएं हल होंगी। ओवैसी कल रात नगरीय निकाय चुनाव प्रचार के लिए भोपाल पहुंचे। उन्होंने कहा कि उनके भोपाल आने से कांग्रेस के नेताओं की नींद उड़ गई है। रात भर इनको नींद नहीं आने वाली नहीं है। कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे से मिली हुई हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कमल नाथ दोनों अंदर से मिले हुए हैं। दोनों अकेले में एक दूसरे को मामा-मामा कहते नहीं थकते हैं। ओवैसी ने कहा कि वह अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए भोपाल आए हैं। उन्होंने नगर निकाय चुनाव में छह वार्ड से एआइएमआइएम के प्रत्याशियों को को वोट देकर विजयी बनाने की अपील की। ओवैसी ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बारे में कहा कि कि पिछले चुनाव के दौरान उनका एक वीडियो सामने आया था, उसमें वह मुसलमानों से मुखातिब होकर मुसलमानों को खामोश रहने के लिए कह रहे हैं। ऐसा मिजाज सिर्फ कांग्रेस का ही हो सकता है। संविधान में रहकर आवाज उठाएं और आवाज नारों से नहीं छह जुलाई को मतदान करके उठाएं। यही कमल नाथ और भाजपा को जवाब होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कहती है कि खामोश हो जाओ और दूसरी तरफ भाजपा कहती है कि आवाज उठाओगे तो घर तोड़ दिए जाएंगे। लोकतंत्र के दायरे में रहकर आवाज उठाओ। सियासी लीडरशीप मजबूत करो। आप लोगों के बीच से नेता बनें और भाजपा और कांग्रेस की आंखों में आंखे डालकर बात करें। कांग्रेस और भाजपा में कोई फर्क नहीं है। राम और श्याम की जोड़ी है। एक सिक्के के दो पहलू हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय जनता पार्टी से भी सवाल किया कि अल्पसंख्यक की शिक्षा के लिए उन्होंने क्या किया है तो उधर से आवाज आएगी कि ओवैसी हमने स्कूल नहीं खोला, लेकिन बुलडोजर से घर तोड़ दिया। उनके आने से भाजपा के पेट दर्द हो रहा है। कांग्रेस और भाजपा नहीं चाहती है कि तीसरा विकल्प आए। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस के लोग आरोप लगाते हैं कि मैं भाजपा की बी टीम हूं। मैं कांग्रेस से पूछता हूं कि बताओ कमल नाथ जब मुख्यमंत्री थे तो कांग्रेस के 20 विधायक कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में चले गए। क्या वह असदुद्दीन ओवैसी के हाथ से गुलाब जामुन खाकर मामा को मुख्यमंत्री बनाए थे? बताओ कमल नाथ तुम्हारे कांग्रेस के लोग अपना जमीर बेचकर भाजपा में चले गए। मगर कांग्रेस में हिम्मत नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह पर उंगली उठाए। कांग्रेस के 20 विधायक चले गए, फिर सिंधिया मंत्री बन गए। इसका जिम्मेदार कौन है।